मयूरासन यानि मोर की आकृति का आसन। इस आसन में मनुष्य का शरीर मोर की आकृति की तरह बन जाती है। इसलिए योग में इस आसन का नाम मयूरासन रखा गया है।
मयूरासन योग के लाभ और करने की विधि

मयूरासन यानि मोर की आकृति का आसन। इस आसन में मनुष्य का शरीर मोर की आकृति की तरह बन जाती है। इसलिए योग में इस आसन का नाम मयूरासन रखा गया है।
इसे करना बहुत ही आसान भी होता है। वैदिक वाटिका आपको बता रही है कि कैसे किया जाता है शीतली प्राणायाम और इससे आपको किन समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
महार्षि पंताजली ने कई योग क्रियाओं काे बनाया था। उनमें से एक योग का आसन है गरूड़ासन। गरूड़ एक पक्षी है जिसे भगवान विष्णु की सवारी भी कहा जाता है।
इस आसन में बिना हिले-डुले, निश्चल दृष्टि व एक स्थान पर बैठकर निरंतर किसी एक चीज को लगातार व निरंतर देखते रहना त्राटक आसन कहलाता है। आइये जानते हैं त्राटक करने से क्या फायदे मिलते हैं और इस आसन को कैसे किया जाता है।
जैसे हम कुर्सी पर बैठते हैं ठीक वैसे ही उत्काटसान योग में किया जाता है। यह आसन मानव शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
नौकासन यानि की नाव वाला आसन। यह आसन शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। वैदिक वाटिका आपको बता रही है नौकासन के फायदे और इसे करने का तरीका।
शरीर की चर्बी को घटाने के लिए सबसे आसान तरीका है वशिष्ठासन योग करना। वैदिक वाटिका आपको बता रही है कैसे करना चाहिए वशिष्ठासन योग और क्या हैं इसके लाभ।
यह आसन शरीर में खून के प्रभाव को ठीक रखता है। इस आसन को पुराने समय में हमारे योग गुरू किया करते थे जिससे उनका शरीर संतुलित रहता था और वे लंबे समय तक बीमारियों से मुक्त रहते थे।
जिन लोगों को बार.बार गुस्सा आता हे यदि वे शांत मुद्रा को करते हैं तो इससे आपका स्वभाव और चिड़चिड़ेपन को ठीक करता है।आपके अंदर एक तरह की विशेष एकाग्रता होने लगेगी।
सूर्य नमस्कार को कसरत के रूप में भी लिया जाता है। यह आपकी पीठ, आपकी मांसपेशियों वगैरह को मजबूत करता है। सूर्य नमस्कार आसन को 12 आसनों को मिलाकर बनाया गया है।