
पंजीरी के लड्डू शरीर के लिए ताकतवर और पौष्टिक होते है। पंजीरी के लड्डू खासकर उन महिलाओं के लिए जरूरी होते हैं जिन्होने शिशु को जन्म दिया है। पंजीरी के लड्डू का सेवन करने से वे पहले जैसा शरीर तो वापस पाती हैं साथ ही यह गर्भ के बाद आई कमजोरी को भी दूर करता है। पंजीर के लड्डू मां और बच्चे दोनों के लिए उपयोगी होता है। कैसे बनता है पंजीरी का लड्डू वैदिक वाटिका आपको बता रही है।
पंजीरी बनाने के लिए जरूरी सामाग्री
- एक छोटी चम्मच सोंठ पाउडर
- दो चम्मच खाने वाला गोंद
- दो बड़ी चम्मच देसी घी
- दो सौ ग्राम दरदरा गेहूं का आटा
- तीन पीसी हुई इलायची
- एक कप पीसी चीनी या बूरा
- दस से पंद्राह मखाने के पीस
- दस-दस गिरी बादाम और काजू कटे हुए
- एक चम्मच पिस्ते
- कदूकस किया हुआ आधा सूखा हुआ नारियल
- दो चम्मच खरबूजे के बीज।
पंजीरीके लड्डू बनाने का तरीका
गैस पर कड़ाई रखें और उसमें देसी घी को गरम करें। इसके बाद गरम घी में आटे को डाल दें। अब इसे हल्की आंच में भुनें। और बाद में गोंद, खरबूजे की बीज, काजू , नारियल और बादाम को मिला लें। और करछी से तब तक घुमाते रहें जब तक ये भूरा न हो जाए।
अब गैस बंद कर दें और पंजीर को किसी प्लेट या डोने में ठंडा होने के लिए रख दें। बाद में उपर से इसमें मेवा, पीसी हुई चीनी या बूरा, पीसी इलायची को अच्छी तरह से मिला दें।
अब बनकर तैयार है शक्तियुक्त और पौष्टक पंजीरी। रोजाना दो चम्मच शिुशु की मां को इसका सेवन करना चाहिए। पंजीर को आप डिब्बे में रख सकते हैं। यह दो महीने तक बेकार नहीं होता है।