
पत्थर की सिला जिसे हम सिल बट्टा भी कहते हैं। प्राचीन काल से आयुर्वेद में इसका प्रयोग किया जाता रहा है। हमारे पूर्वजों नें मसाले और चटनी बनाने के लिए सिल बट्टे का प्रयोग किया करते थे। जिसके फायदे शरीर को निरोगी रखने के लिए उपयोगी रहे हैं। आधुनिक समय में सिल बट्टे की जगह अब मिक्सर ग्राइंडर ने ले ली है।लेकिन क्या आप जानते हैं पत्थर की सिला का इस्तेमाल करने से एैसे फायदे मिल सकते हैं जो शरीर को निरोगी और उम्र को बढ़ाने वाले होते है।
सिल बट्टे के फायदे
1. सिल बट्टा पत्थर का बना होता है इसलिए इसमें खनिजों कि मात्रा अधिक होती है। इसलिए इसमें पिसी हुई चटनी या मसाले आपको कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं। पत्थरों से मिलने वाला खनीज सीधे शरीर तक पहुंचता है जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। और शरीर को कोई बीमारी नहीं लगती है ।
2. मोटापा कम करने में सिल बट्टा एक उपयोगी मशीन की तरह भी काम करती है। सिल बट्टे का प्रयोग करते समय एक तरह का व्यायाम भी होता है जो सीधे पेट की चर्बी को कम करता है।
3. सिल बट्टा का प्रयोग करने से मिक्सर चलाने में इस्तेमाल की जाने वाली बिजली का खर्च भी नहीं होता है।
4. जो महिलाएं किचन में सिल बट्टे का इस्तेमाल करती हैं उनकी कभी सिजेरियन डिलीवरी नहीं होती हैं क्योंकि सिल बट्टे के इस्तेमाल से यूटरेस का व्यायाम भी होता रहता है।
5. सिल बट्टे में पिसी हुई चटनी बेहद स्वाद और लजीज होती है। यह प्राकृतिक स्वाद के साथ शरीर को शक्ति भी देती है। ये भी पढे-दमा का आयुर्वेदिक उपचार
वैदिकवाटिका आपको सिलबट्टे के फायदों के बारे में इसलिए बता रहा है क्योंकि वर्तमान में लोग आधुनिक चीजों के इस्तेमाल करने से ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं। और वे अपनी प्राचीन और सेहतवर्धक चीजों को भूलते जा रहे हैं। हमारा मिशन है आपको निरोगी और स्वस्थ बनाए रखना।आज भी कई गावों में लोग सिल बट्टे का प्रयोग करते हैं और ये बात भी सामने आई है कि जहां लोग सिल बट्टे का प्रयोग खाना बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों के लिए करते हैं वहां के लोग बेहद कम बीमार पड़ते हैं।