
पॉली हाउस के जरिए अब भारत के किसान अधिक गुणवत्ता वाली खेती और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। पॉली हाउस जैविक खेती का हिस्सा है जिससे सब्जियों की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है। साथ ही आप बेमौसम सब्जियों को भी उगा सकते हैं। आइये जानते हैं। कैसे होती ही पॉली हाउस खेती और इसके क्या-क्या फायदे आपको मिल सकते हैं।
पॉली हाउस बनाने का तरीका
मौसम और वातावरण में निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। पॉली हाउस-
स्टील
लकडी
बांस या
एल्यूमीनियम के फ्रेम पर बनी संरचना है जो पारर्दशी पर्दे से ढ़की हुई रहती है जिससे सूर्य का प्रकाश आसानी से पौधों तक पहुंच सके।
- पॉली हाउस बिना मौसम की सब्जियां, फूल और फल आदि को उगाने का सुरक्षित और सरल साधन है।
- बाहर किसी भी तरह का वातावरण हो पॉली हाउस में फसलों के हिसाब से ही अंदर का वातावरण रखा जाता है।
पॉली हाउस में खेती करने के तरीका
अब अधिकतर किसान पॉली हाउस तकनीक के बारे में जानना चाहते हैं जिससे वे अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। अपनी भूमि के हिसाब से आप पॉली हाउस तैयार कर सकते हैं। फिर इस भूमी पर अधिक से अधिक जैविक खाद डाली जाती है जिससे जमीन की गुणवत्ता बढ़ सके।
फिर पौधों के लिए बिस्तर तैयार किए जाते हैं। ये बिस्तर इस तरह के बने होने चाहिए जिससे पौधों को घूप की रोशनी और हवा प्रयाप्त मात्रा में मिल सके।
साथ ही आपको इसकी चौड़ाई का भी ध्यान रखना चाहिए जिससे आप आसानी से क्यारियों में जाकर तुड़ाई व कटाई कर सकते हैं।
एक या दो दिन तक भूमि में पानी से सिंचाई करनी चाहिए जिससे जमीन में नमी बन सके। और अब आप इसमें पौध लगा सकते हैं। आप इसमें टमाटर, ककड़ी व गोबी को आसानी से उगा सकते हो।
पॉली हाउस के फायदे
- इस तकनीक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
- किसी भी मौसम में आप सब्जियों और फलों को उगा कर अधिक पैसे कमा सकते हो।
- अधिक मेहनत की जरूरत नहीं होती है।
- बारिश हो या ओला गिरने की समस्या। गर्मी हो या सर्दी इन सभी से होने वाले नुकसान से बच सकते हो।
- कम पानी के इस्तेमाल से आप अधिक से अधिक फसलें उगाई जा सकती हैं।
पॉली हाउस के लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है। जिसे आप सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं की मदद ले सकते हैं।